कबीर वाणी पर बौद् दर्शनका प्रभाव
DOI:
https://doi.org/10.47413/vidya.v1i1.49Abstract
भारतीय तत्वचिंतन और विचारधारा का गौरव और प्रभाव पूरे विश्व में प्रसारित हुआ है, जिनमें यहाँ की मिट्टी में जन्म लेने वाले बहुजन महापुरुषों और सन्नारियों का महती योगदान रहा है I आज हम हमारी बौद्ध सभ्यता और संस्कृति को लेकर गौरवान्वित महसूस हो रहे हैं, तो उसमें बहुजन समाज में जन्मे विद्वान और प्रतिभाशाली सुधारकों, चिंतकों और सामाजिक क्रांति के पथदर्शकों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है I उनके चिंतन, मनन और सामाजिक आन्दोलनों ने समाज को बेहतर बनाने के लिए सार्थक प्रयास किये हैं I समतामूलक श्रेष्ठ समाज के निर्माण में उन्होंने अपना महती योगदान दिया हैं I उनकी विचारधारा और साहित्य ने समाज के दबे-कुचले तबकों और शोषित वर्गों में नई जान फूंक दी और उनमें श्रेष्ठ जीवन जीने की उम्मीदें जगाई I उनके विचारों ने पीड़ित और शोषित लोगों में उत्साह का निर्माण किया और साथ में उनमें एक मनुष्य होने का गौरवपूर्ण अहसास करवाया I उन्होंने स्वयं सहज जीवन जीकर मानव मात्र की गरिमा और मानवी मूल्यों का सूत्रपात किया और महाकारूणिक बुद्ध की तरह मनुष्य की अहमियत को पहचाना और मनुष्यों को निज बल से कुशल मार्ग पर चलना सीखाया
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